Dengue disease in hindi : कारण, लक्षण,उपचार ओर देखभाल

दुनिया के लगभग सभी देश हाल ही में कोरोना वायरस से उभर के आये ही थे कि डेंगू वायरस का क़हर शुरू हो गया ये तो आप जानते ही होंगे की डेंगू होने पर मरीज़ की हालात कितनी बिगड़ जाती है लेकिन दोस्तो में आपसे बताता चलूं डेंगू वायरस एक ऐसी बीमारी है(dengue disease in hindi) जिसका सही इलाज बहुत कम लोग ही जानते है ओर कर पाते है  जिनमे डॉक्टर,फार्मासिस्ट,नर्स,या कुछ पढ़े लिखे लोग व स्वास्थ्य विभाग से जुड़े ज्यादातर लोग ही शामिल है लेकिन कुछ लोग इनमे से भी ठीक से इलाज नही जानते होंगे इस लिए आज हम आपको डेंगू वायरस से बचने के तोर तरीकों से पूरी तरह से अवगत करने वाले है

     

    Dengue disease in hindi - जानिए डेंगू क्या है 

    Dengue disease in hindi

    डेंगू एक तरह का वायरल बुखार है जो Denv नामक वायरस के द्वारा फैलता है Denv वायरस का पता 1779 ई० को चला ये एक गंभीर बीमारी है जो एडीज़ एजिप्टी नाम के मादा मच्छर के द्वारा फैलती है जो flaviviridae नामक प्रजाति से belong करता है इस प्रजाति के मच्छर केवल सुबह व शाम को ही काटते है इस बीमारी से पीड़ित बहुत लोगों में से कुछ ही लोगों की मौत होती है क्योंकि लापरवाही इस बीमारी से पीड़ित लोगों की मृत्यु का कारण बन सकती है राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अनुसार 2017 से 2022 तक लगभग 7 लाख लोग DENV वायरस से पीड़ित हुए लेकिन इनमे से लगभग 1500 पीडित लोग ही मृत लोगों में शामिल हुए इस रिपोर्ट के अनुसार मरने वाले लोगों की संख्या लगभग 0.12% के आसपास है अगर सही से देखभाल की जाए तो डेंगू से बचा जा सकता है

    भारत मे डेंगू मरीज़ों की संख्या
    स.सन्केसमौत
     1 2017 188401 325
     2 2018 101192 172
     3 2019 157315 160
     4 2020 44585 50
     5 2021 193245 340
     6 2022 110473 80

    डेंगू से बचने के लिए उपाय

    • अगर आप गाँव या किसी ऐसी जगह रहते है जहां पर पानी जमा रहता हो ऐसी जगह पर रहने से परहेज़ करें क्योंकि डेंगू फैलाने वाले मच्छर ऐसे स्थानों पर ज्यादा पाये जाते है
    • अगर आप गाँव या किसी ऐसी जगह रहते है जहां पर पानी जमा रहता हो ऐसी जगह पर रहने से परहेज़ करें क्योंकि डेंगू फैलाने वाले मच्छर ऐसे स्थानों पर ज्यादा पाये जाते है
    • अगर बारिश हो रही है तो अपने आपको ज्यादा खुला ना रखें ये मच्छर पानी मे ज्यादा पनपता है
    • अगर आप ऐसे स्थानो पर निवास करते झा पर एडीज़ एजिप्टी नामक मच्छर पाया जाता है तो आपको उससे पचने के लिए मच्छर दानी का उपयोग करना चाहिए
    • अगर आप डेंगू से ग्रसित हो भी जाओ तो भी आपको परहेज़ नही छोड़ना है क्योंकि डेंगू ग्रसित लोगो को काट कर उसका वायरस स्वस्थ लोगों तक पहुच देता है इस लिए लापरवाही ना करें
    • डेंगू होने पर ब्लड टेस्ट करते रहे क्योंकि ज्यादा रक्त स्राव होने के कारण प्लेटलेट्स डाउन हो जाती है जिसकी मृत्यु का खतरा रहता है प्लेटलेट्स कम होने ओर चढ़वाना चाहिए
    • अगर आप मे डेंगू के लक्षण है तो आपको खुद से कोई दवाई नही लेनी चाहिए दुष्प्रभाव होने और परिणाम बुरा हो सकता है
    • बुखार होने पर दिन 3 से 4 बार पैरासिटामोल ले सकते है हालत गंभीर होने पर परिणाम बुरा हो सकता है इसलिए सहायक डॉक्टर से मिले या किसी हॉस्पिटल में जाकर दिख सकते है



    Types of dengue disease in hindi : डेंगू के प्रकार


    डेंगू के तीन प्रकार होते है  पहला (CDF) साधारण डेंगू फीवर इसे classical fever के नाम से भी जानते है इसके बाद (DHF) dengue heamrgic fever यानी रक्तस्रावी बुखार और इसके बाद आता है (DSS) dengue shock sindrom इन तीनो के अलग लक्षण दिखाई देते है

    Symtomes of dengue disease in hindi : जानिए डेंगू के लक्षण

    डेंगू एक बहुत सामान्य सी बीमारी है जिसका इलाज करने या घर पर ठीक से प्लेन किया हुआ खाने पीने से या कुछ देसी जड़ी बूटी के द्वारा इसका इलाज किया जा सकता है लापरवाही के चलते कुछ लोगो मे दूसरी या तीसरी स्टेज का डेंगू हो जाता है यानी डेंगू हैमरेजिक फीवर या डेंगू शोक सिंड्रोम हो जाते है जिसके परिणाम गंभीर हो जाते है इसका तुरंत इलाज़ करना जरूरी है

    साधारण डेंगू :- इस प्रकार में ज्यादा कुछ नही होता है लेकिन ज्यादातर लोगो को साधारण डेंगू ही पाया जाता है इसमें ज्यादा कोई लक्षण नही पाए जाते 5 से 7 दिन तक ये बुखार की शक्ल में रहता है ठीक से देखरेख करने पर इस प्रकार से छुटकारा मिल जाता है इसमें जो आम लक्षण है सर दर्द होना शरीर पर काले निशान होना उल्टी आना ब्लड प्रेशर ज्यादा होना तेज़ बुखार आना बदन  व हड्डी में दर्द होना है ये सभी लक्षण दिखाई देते है तो आपको शुरू के पाँच दिनों में ही इसका टेस्ट करा लेना चाहिए


    डेंगू हेमरेजिक फीवर :- अगर आप डेंगू के साधारण बुखार से पीड़ित हो चुके है ओर आपने लापरवाही की तो आप डेंगू के रक्तस्रावी बुखार से ग्रसित हो सकते है रक्तस्रावी बुखार में आम तौर पर त्वचा के नीचे खून बहना बार बार उल्टी आना पेट दर्द होना हल्का या तेज़ बुखार होना सिर दर्द मतली ओर मांशपेशियों या हड्डी ओर जोड़ो में दर्द होना नाक से खून आना आदि लक्षण दिखाई देते है अगर किसी मरीज़ को ये लक्षण दिखाई देते है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चहिये

    डेंगू शोक सिंड्रोम :- ये अवस्था डेंगू की तीसरी स्टेज है इस मे मरीज़ पर दिख रहे सिम्टम्स अधिक हो जाते है तीसरी स्टेज में मरीज को अधिक कंपन होने लगती है साथ ही बहुत ज्यादा पसीना भी आने लगता है डेंगू के कारण लाल चकते भी गहरे निशान बन जाते है और उनमें खुजली होने लगती है मरीज की पल्स रेट पर दबाव पड़ता है और पल्स रेट धीमी गति से चलने लगते है सर्दी लगमे लगती है और पोरे शरीर मे बेचैनी हिने लगती है तीसरी स्टेज में मरीज़ अपने होश खोने लगता है ओर मानसिक तोर पर भी बीमार हो जाता है गंभीर लक्षण होने पर डॉक्टर की सलाह से इलाज़ कर लें

    Types of dengue virus in hindi : डेंगू वायरस के प्रकार 

    डेंगू वायरस को DENV के नाम से जाना जाता है इसके चार प्रकार होते है DENV-1,DENV-2,DENV-3,DENV4, इन चारो प्रकार में किसी भी प्रकार के वायरस से ग्रसित होने पर डेंगू हो जाता है लेकिन जिस प्रकार के  वायरस से एक बार ग्रसित हो गए तो फिर उस प्रकार के वायरस से कभी भी ग्रसित नही ही सकते है इसके अलावा तीन प्रकार के वायरस से ग्रसित होने की संभावना है रहती है  देखा जाये तो पुरी ज़िन्दगी में डेंगू से सिर्फ चार बार ही ग्रसित हो सकते है क्योंकि एक बार शरीर मे वायरस  आ गया तो शरीर उससे लड़ने के लिए ऐंटीबॉडी बना देता है जिसकी वजह से शरीर मे वायरस दोबारा नही आता अगर आ भी गया तो शरीर उस एंटीबॉडी को एक्टिव कर देगा  जिस से वो वायरस खत्म हो जायगा

    Treatment of dengue disease in ayurveda hindi : डेंगू का आयुर्वेदिक उपचार


    डेंगू के इलाज के लिए हर डॉक्टर तरह के उपचार बताते रहते है लेकिन डेंगू का इलाज़ घर पर कैसे इलाज़ करें जानलो दोस्तो डेंगू के लिए पपीते के पत्ते गिलोय के साथ मिलाकर कहवा बना ले फिर सुबह व शाम उसका सेवन करें और बकरी के दूध का सेवन भी करते रहे

    Treatment of dengue disease in hindi : जानिए डेंगू का उपचार कैसे करें


    डॉ० के अनुसार डेंगू का इलाज करने के लिये सिर्फ पेरासिटामोल दवा का ही इस्तेमाल करना चाहिए ज्यादातर लोगों को लगता है एंटीबायोटिक्स दवाओं से डेंगू में आराम मिल जायेगा लेकिन डेंगू में ऐसा नही है डेंगू में ऐसा करने से प्लेटलेट्स डाउन होने लगती है जिस से मृत्यु का खतरा रहता है डेंगू में एंटीबायोटिक नुकसान देती है सिर्फ पेरासिटामोल वज़न के मुताबिक ही इस्तेमाल करें यानी 15 mg प्रत्येक किलो पर ले सकते है अगर आपका वजन 70 किलो है तो आपको 1050 mg तक दवा ले लेनी  चाहिए पेरासिटामोल दवा 3-4 बार ले सकते है एक दिन में

    FAQ

    Q:- डेंगू कितने दिनों तक रहता है 

    Ans:- साधरण डेंगू 5 से 7 दिन तक रहता सही से देखरेख की जाए तो डेंगू पहले स्टेज में खत्म हो जाता है गंभीर होने पर परेशानी बढ़ सकती है 

    Q:- डेंगू में प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए क्या  खाएं

    Ans:- डेंगू में प्लेटलेट्स के लिए हरी सब्जियों का सेवन जरूर करें पालक पपीता मेथी लोकी का  साग बना लें प्रतिदिन सेवन करें कद्दू ओर पपीते का हलवा बना ले और विटामिन सी वाले फलो व सब्जियों का सेवन करे

    Q:- डेंगू मरीज़ को प्लेटलेट्स क्यों चढ़ाई जाती है 

    Ans:- डेंगू मरीज़ की प्लेटलेट्स बहुत तेज़ी से कम होती रहती है जिसकी वजह से मरीज़ गंभीर बीमारी के चंगुल में आ जाता है अगर किसी मरीज़ की प्लेटलेट्स बीस हज़ार से कम हो जाती है तो उस मरीज़ को खुद ब खुद ब्लीडिंग शुरू हो जाती है ये उस मरीज़ की जान ले लवट है इसलिए मरीज़ को प्लेटलेट्स चढ़ाई जाती है 

    Post a Comment

    Previous Post Next Post